भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच दून में बढ़ी खरीदारी: जनता में डर, दुकानों पर उमड़ी भीड़
युद्ध की आशंका या पुरानी यादें? दूनवासियों में छाया डर का माहौल
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच औपचारिक रूप से सीजफायर की स्थिति बनी हुई है, लेकिन देहरादून समेत उत्तराखंड के कई इलाकों में आम जनता के बीच डर का माहौल है। लोग आशंका जता रहे हैं कि कहीं यह तनाव कोरोना जैसी परिस्थिति में न बदल जाए, जब अचानक सब कुछ बंद हो गया था और राशन की भारी किल्लत महसूस हुई थी।

जनता की जमाखोरी की वजह: कोरोना काल की कड़वी यादें
साल 2020 में जब कोरोना महामारी ने दस्तक दी थी, तब सरकार द्वारा अचानक लगाए गए लॉकडाउन के चलते जनता को खाने-पीने की चीज़ें जुटाने में काफी परेशानी हुई थी। लंबी लाइनों, महंगे दामों और सीमित उपलब्धता ने लोगों को मानसिक रूप से झकझोर दिया था। अब, जब भारत-पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव की स्थिति बनी है, जनता को वही पुराने दिन याद आ रहे हैं। इसी डर से लोग दो-तीन महीने का राशन एक साथ खरीद रहे हैं।
जरूरी चीजों की खरीदारी जोरों पर, दुकानों पर दिख रही भीड़
लोग इस डर से कि कहीं राशन की दुकानों पर लंबी कतारें न लग जाएं या महंगाई अचानक न बढ़ जाए, पहले ही आटा, चावल, दाल, तेल जैसी जरूरी चीजों का भरपूर स्टॉक जुटा रहे हैं। खासतौर पर मध्यमवर्गीय परिवार एक्स्ट्रा राशन खरीद रहे हैं ताकि उन्हें किसी अनहोनी की स्थिति में बाहर निकलने की जरूरत न पड़े।
बद्री – केदारधाम में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़: चारधाम यात्रा 2025 के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती
सरकार की अपील: पर्याप्त भंडार है, घबराने की जरूरत नहीं
केंद्र और उत्तराखंड सरकार की ओर से पहले ही यह स्पष्ट किया जा चुका है कि देश में खाद्यान्न, दाल, तेल, पेट्रोल-डीजल और एलपीजी का पर्याप्त भंडार मौजूद है। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और आवश्यकता से अधिक जमाखोरी से बचें। साथ ही जमाखोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
दुकानदारों का दावा: स्टॉक भरपूर है, दाम नहीं बढ़े
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि बाजार में हर सामान भरपूर मात्रा में मौजूद है। अभी तक किसी भी खाद्य पदार्थ के दाम में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। फिर भी लोग मानसिक तनाव के कारण सामान्य से कई गुना ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं।
ग्राहकों की चिंता: “कहीं दुकानें बंद न हो जाएं”
एक ग्राहक ने बताया कि “अफवाहें चल रही हैं कि युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है, दुकानें बंद हो सकती हैं या फिर सामान महंगा हो सकता है। इसलिए जरूरी सामान पहले ही ले रहे हैं।” यही चिंता बाजार में भीड़ का कारण बन रही है।
केदारनाथ हेलिकॉप्टर सेवा निलंबित: उत्तरकाशी हादसे ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
निष्कर्ष: डर ही है जो भीड़ को चला रहा है
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और सरकारें सक्रिय हैं, लेकिन जनता के मन में बैठा डर ही सबसे बड़ा कारण है, जिसकी वजह से आम दिनों की अपेक्षा राशन की खरीददारी तीन गुना तक बढ़ चुकी है। यह हालात हमें यह भी याद दिलाते हैं कि संकट के समय सिर्फ संसाधन ही नहीं, बल्कि सही जानकारी और धैर्य भी ज़रूरी होता है।