8 मई 2025 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई, जिसमें छह लोगों की जान चली गई। इस हादसे के बाद केदारनाथ की हेलीकॉप्टर सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों में चिंता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।Navbharat Times
हादसे का विवरण
यह दुर्घटना गंगोत्री के पास हुई, जब एक निजी हेलीकॉप्टर, जिसमें पायलट समेत छह लोग सवार थे, तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हेलीकॉप्टर के रोटर ब्लेड संभवतः टेलीफोन केबल से टकरा गए, जिससे नियंत्रण खो गया और हेलीकॉप्टर खाई में गिर गया। हादसे के समय मौसम खराब था, और दृश्यता कम होने के बावजूद उड़ान भरी गई थी, जो चिंता का विषय है।
पीड़ितों की पहचान

इस हादसे में जान गंवाने वालों में पांच महिलाएं थीं, जिनमें से तीन मुंबई की निवासी थीं: डॉ. कला सोनी, विजया रेड्डी और रुचि अग्रवाल। ये सभी समाजसेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय थीं। अन्य पीड़ितों में तेलुगु देशम पार्टी के सांसद की बहन वेदावती कुमारी और उनकी मां राधा अग्रवाल शामिल थीं।
सुरक्षा मानकों पर सवाल
यह हादसा हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है। पिछले वर्षों में भी केदारनाथ क्षेत्र में कई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुई हैं। 2022 में, डीजीसीए ने केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करने वाली पांचों कंपनियों पर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया था।
इसके अलावा, हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों पर एक दिन में अधिकतम 30 शटल सेवाएं संचालित करने की सीमा निर्धारित है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, कई बार इस सीमा का उल्लंघन किया गया है। साथ ही, वन्यजीव संरक्षण के लिए निर्धारित मानकों का भी उल्लंघन होता रहा है, जैसे कि निर्धारित ऊंचाई से कम पर उड़ान भरना और ध्वनि प्रदूषण की सीमा का पार करना।
सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। डीजीसीए और एएआईबी की टीमें दुर्घटना की जांच कर रही हैं। इसके अलावा, डीजीसीए ने चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की है, जैसे कि हेलीकॉप्टरों में एयरबोर्न इमेज रिकॉर्डिंग सिस्टम (AIRS) की अनिवार्यता।
Kedarnath Helicopter Service is Suspended
उत्तरकाशी में 8 मई 2025 को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद, उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ घाटी में हेलीकॉप्टर सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन और सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र लिया गया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पाया कि हेलीकॉप्टर निर्धारित 600 मीटर की न्यूनतम ऊंचाई से नीचे, लगभग 150 मीटर पर उड़ान भर रहे थे, जिससे ध्वनि प्रदूषण 70-80 डेसिबल तक बढ़ गया—जो कि इस संवेदनशील क्षेत्र के लिए अनुमत सीमा से अधिक है। इसके अलावा, उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) द्वारा हेलीकॉप्टरों में GPS ट्रैकिंग उपकरण स्थापित करने के निर्देश के बावजूद, ऑपरेटरों ने आवश्यक डेटा प्रस्तुत नहीं किया। इन उल्लंघनों के कारण, राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवाओं को तब तक के लिए निलंबित कर दिया है, जब तक कि ऑपरेटर पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित नहीं करते
निष्कर्ष
उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर दुर्घटना एक गंभीर चेतावनी है कि तीर्थयात्राओं के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन कितना आवश्यक है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को चाहिए कि वे हेलीकॉप्टर सेवाओं की निगरानी और नियंत्रण के लिए ठोस उपाय करें, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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