Kedarkantha trek 2025 -26
केदारकांठा ट्रेक (Kedarkantha trek) अभी तक का किये जाने वाला सबसे अच्छा ट्रेक माना जाताहै क्युकी ये इजी है , फेमस है , और यहाँ के लिए आपको बहोत से ट्रेक प्रोवाइडर्स मिल जाते है जो आपके सफर को रोमांचक बना देते है , अगर आप स्नो ट्रेक पर नए है तो आपको केदारकांठा ट्रेक सबसे ज्यादा पसंद आएगा और आपके ट्रेक्स के सफर के लिए केदारकांठा सबसे अच्छा विकल्प है तो चलिए अबसे पहले तो ये जान लेते है की उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्द ट्रेक कौन से है जो आप अपने शुरुआती ट्रैकिंग सफर में आपके काम आएंगे
उत्तराखंड के Top 5 Winter Treks — पहले जानिए, फिर चुनें!
- बेस: Raithal/Barsu
- दूरी: 10 किमी (one way)
- ऊँचाई: 12,100 फीट
- Difficulty: Easy–Moderate
- बेस: Joshimath
- दूरी: ~33 किमी
- ऊँचाई: 12,763 फीट
- Difficulty: Easy–Moderate
- फेमस: Nanda Devi जैसी चोटियों का नजारा, पुराना ट्रेल और बर्फीली वादियाँ
- बेस: Lohajung
- ऊँचाई: ~12,200 फीट
- Difficulty: Moderate
- फेमस: झील के पास टेंटिंग, Trishul/Nanda Ghunti पीक्स के व्यू
- बेस: Sankri
- दूरी: 35 किमी
- ऊँचाई: 11,500 फीट
- Difficulty: Easy
- फेमस: देवताओं की घाटी, पुराने गांव, नदी के किनारे टेंटिंग
- Kedarkantha Trek
अब इस ट्रेक की पूरी डिटेल आगे पढ़िए — उत्तराखंड का सबसे फेमस विंटर एडवेंचर!
Kedarkantha Trek का Base Camp
Kedarkantha Trek उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित, Sankri गाँव से शुरू होने वाला लगभग 20 किलोमीटर का रोमांचक और लोकप्रिय विंटर ट्रेक है, जिसकी अवधि 4 से 6 दिन होती है। यह ट्रेक Easy to Moderate स्तर का है, इसलिए पहली बार ट्रेकिंग करने वालों के लिए भी सुरक्षित और बेहतरीन है। सफर में आपको घने Pine और Oak के जंगल, Juda Ka Talab नामक बर्फ से ढकी झील,

Kedarkantha trek 2025 -26
चौड़े बर्फीले घास के मैदान (meadows) और हर मोड़ पर बेमिसाल नैचुरल खूबसूरती देखने को मिलती है। Kedarkantha की 12,500 फीट ऊँची चोटी से स्वर्गारोहिणी, बंदरपूंछ, कालानाग और गंगोत्री रेंज की चोटियाँ 360° पैनोरमिक व्यू के साथ नज़र आती हैं—खासतौर पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय। साथ ही, यहाँ का लोकल गढ़वाली संस्कृति और गाँव का जीवन इस एडवेंचर को एक अलग ही यादगार रंग देता है। दिसंबर से मार्च तक, बर्फ के मौसम में, Kedarkantha Trek हर नेचर और एडवेंचर लवर के लिए हिमालय को बेहद पास से जीने का सबसे शानदार तरीका है।
Kedarkantha Trek के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
Kedarkantha Trek पर बर्फ देखने और सच्चे विंटर ट्रेकिंग का अनुभव करने के लिए सबसे अच्छा़ समय mid-December 2024 से early March 2025 के बीच है। इस दौरान बर्फ की मोटी चादर, सफेद जंगल और रमणीय कैंप साईट मिलती है। अप्रैल और अक्टूबर का मौसम भी ट्रेकिंग के लिए अच्छा है, यहाँ मौसम काफ़ी सुहावना और रास्ते साफ मिलते हैं—पर बर्फ कम मिलेगी। मानसून (जुलाई–सितंबर) में यह ट्रेक बिलकुल न चुनें क्योंकि रास्ते फिसलन भरे व ख़तरनाक हो सकते हैं।
ट्रेक का स्तर (Level) – कितना कठिन?
Kedarkantha trek ‘इजी टू मॉडरेट’ है यानी पहली बार करने वालों और नियमित trekkers दोनों के लिए माकूल है। रोजाना औसतन 4-6 घंटे तक 8,000 – 12,500 फीट की ऊंचाई पर ट्रेकिंग करनी पड़ती है। सर्दियों में बर्फ ज्यादा होने के चलते थोड़ा थकाऊ हो सकता है, इसलिए बेसिक फिटनेस बहुत जरूरी है
उम्र और फिटनेस क्राइटेरिया
- न्यूनतम उम्र: 10-12 साल (कुछ ऑपरेटर्स के हिसाब से)
- फिटनेस: रोज कम से कम 3-5 km वॉक/रन करें, बॉडी वेट एक्सरसाइज़ व स्टेयर क्लाइम्बिंग करें।
- हाई बीपी, अस्थमा या मेडिकल कंडीशन हो तो डॉक्टर की सलाह लें। 60+ या बच्चों के साथ जाएं तो ग्रुप/गाइडेड ट्रेक चुनें।
सुरक्षा टिप्स
- मौसम की जानकारी लेकर ट्रेक पर निकलें।
- हाई एंकल शूज, वॉटरप्रूफ ग्लव्स, कैप, जैकेट पहनें।
- पानी खूब पिएं, सनस्क्रीन या लिप बाम साथ रखें।
- हमेशा लोकल प्रमाणित ट्रेक लीडर के साथ ट्रेक करें।
- बेसिक फर्स्ट ऐड और इमरजेंसी कॉन्टैक्ट साथ होनी चाहिए।
परमिट्स की ज़रूरत
Govind Wildlife Sanctuary का एंट्री परमिट और Lokpriya ग्रुप ऑपरेटर/Forest Dept. द्वारा दी जाने वाली ट्रेकिंग परमिशन लेनी होती है। ज़्यादातर सभी ट्रेक ऑपरेटर्स आपके लिए परमिट की व्यवस्था करते हैं
Kedarkantha का पौराणिक-आध्यात्मिक महत्व
Kedarkantha Trek की इतिहास और पौराणिक मान्यता बेहद दिलचस्प है। “केदारकंठा” नाम दो शब्दों से मिलकर बना है—‘केदार’, जो भगवान शिव का एक नाम है, और ‘कंठ’, यानी गला। लोककथाओं के मुताबिक, महाभारत काल में पांडव अपने पापों से मुक्ति और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए हिमालय क्षेत्र में भटक रहे थे। कहते हैं कि भगवान शिव पांडवों से छुपते हुए कई जगहों पर गए—इन्हीं में से एक स्थान था केदारकंठा, जहाँ शिवजी ने ध्यान लगाया था। परंतु, जब गाँव के लोग उन्हें बैल के रूप में पूजने लगे और बहुत शोर मचाया, तो उनका ध्यान भंग हो गया और वे केदारनाथ चले गए। ऐसी मान्यता है कि जहां भगवान शिव ने ध्यान लगाया था, वहीं उनके कंठ (गला) का प्रतीक रह गया, इसलिए इस पहाड़ का नाम पड़ा—केदारकंठा। आज भी ट्रेक की चोटी (summit) पर एक छोटा शिवलिंग और मंदिर मिलता है, जहां ट्रेकर्स और स्थानीय लोग हर साल पूजा करने आते हैं। इस पौराणिक कथा ने Kedarkantha Peak को न सिर्फ़ ट्रेकर्स बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी पवित्र और महत्वपूरण बना दिया है

Kedarkantha Trek के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
Kedarkantha Trek पर बर्फ देखने और सच्चे विंटर ट्रेकिंग का अनुभव करने के लिए सबसे अच्छा़ समय mid-December 2025 से early March 2026 के बीच है। इस दौरान बर्फ की मोटी चादर, सफेद जंगल और रमणीय कैंप साईट मिलती है। अप्रैल और अक्टूबर का मौसम भी ट्रेकिंग के लिए अच्छा है, यहाँ मौसम काफ़ी सुहावना और रास्ते साफ मिलते हैं—पर बर्फ कम मिलेगी। मानसून (जुलाई–सितंबर) में यह ट्रेक बिलकुल न चुनें क्योंकि रास्ते फिसलन भरे व ख़तरनाक हो सकते हैं।
Kedarkantha Winter Trek Itinerary (6 दिन की योजना)
- पहला दिन: देहरादून से संकरी विलेज तक पहुँचें (8-9 घंटे ड्राइव)। यहीं बेस कैंप है।
- दूसरा दिन: संकरी से जुड़ा का तालाब (पहला कैंप), पाइन-ओक के जंगलों से गुजरते हुए।
- तीसरा दिन: जुड़ा का तालाब से Kedarkantha Base Camp, यहाँ से पर्वत श्रृंखलाओं के अद्भुत दृश्य दिखते हैं।
- चौथा दिन: Kedarkantha शिखर की चढ़ाई (सुबह 3-4 बजे शुरू), सनराइज के बाद वापसी Hargaon कैंप।
- पाँचवाँ दिन: Hargaon से संकरी लौटना।
- छठा दिन: संकरी से देहरादून वापसी


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