चार धाम यात्रा: इतिहास, यात्रा मार्ग, Opening and Closing Date 2025
चार धाम यात्रा का महत्व और इतिहास चार धाम यात्रा भारत की सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित चार धाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन चार धामों की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

- यमुनोत्री धाम का इतिहास: यह माता यमुना को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि महर्षि असित ने यहां तपस्या की थी। यमुनोत्री मंदिर का निर्माण गढ़वाल के राजा प्रताप शाह ने करवाया था।
- गंगोत्री धाम का इतिहास: यहां देवी गंगा का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के बाद गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगोत्री मंदिर का निर्माण गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने 18वीं शताब्दी में करवाया था।
- केदारनाथ धाम का इतिहास: यह भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए यहां आए थे, लेकिन भगवान शिव ने उन्हें क्षमा देने से पहले एक बैल का रूप धारण कर लिया। बाद में, यही स्थान केदारनाथ धाम के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
- बद्रीनाथ धाम का इतिहास: यह भगवान विष्णु के बद्री नारायण रूप को समर्पित है। स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां कठोर तपस्या की थी। आदिगुरु शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था।
ऋषिकेश से केदारनाथ यात्रा 2025 : किराया
चार धाम यात्रा कैसे करें? चार धाम यात्रा हर साल अप्रैल या मई में शुरू होती है और नवंबर तक चलती है। यात्रा के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून मुख्य प्रवेश द्वार हैं।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) है। यहां से आप टैक्सी या बस से आगे बढ़ सकते हैं।
- रेल मार्ग: हरिद्वार और ऋषिकेश सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।
- सड़क मार्ग: चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। निजी टैक्सी से यात्रा करना भी सुविधाजनक होता है।
प्रमुख आकर्षण और दर्शनीय स्थल
- यमुनोत्री:
- यमुनोत्री मंदिर
- सूर्य कुंड (गर्म पानी का झरना)
- दिव्य शिला
- गंगोत्री:
- गंगोत्री मंदिर
- भागीरथ शिला
- गौमुख (गंगा का उद्गम स्थल)
- केदारनाथ:
- केदारनाथ मंदिर
- भैरवनाथ मंदिर
- वासुकी ताल
- बद्रीनाथ:
- बद्रीनाथ मंदिर
- तप्त कुंड
- नीलकंठ पर्वत
- माणा गांव
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चार धाम यात्रा की तिथियां 2025 (Char Dham Opening Date 2025)
- Yamunotri opening date 2025: 30 अप्रैल 2025 (अक्षय तृतीया) को खुलेगा और नवंबर में दिवाली के बाद बंद होगा।
- Gangotri opening date 2025: 30 अप्रैल 2025 को खुलेगा और दिवाली के बाद बंद होगा।
- Kedarnath opening date 2025: 2 मई 2025 को खुलेगा और कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर) को बंद होगा।
- Badrinath opening date 2025: 4 मई 2025 को खुलेगा और नवंबर में बंद होगा।

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निष्कर्ष चार धाम यात्रा केवल एक तीर्थ यात्रा ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम भी है। हिमालय की गोद में स्थित ये पवित्र स्थल भक्तों को अद्भुत दिव्यता का अनुभव कराते हैं। यदि आप इस यात्रा को करने की योजना बना रहे हैं, तो समय से पहले योजना बनाएं और एक सुविधाजनक यात्रा के लिए Travelling Dost से अपनी टैक्सी बुक करें।
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