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CHAR DHAM REGISTRATION 2025

Char Dham Yatra 2025: ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें? संपूर्ण यात्रा गाइड

Char Dham Yatra 2025: ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें? संपूर्ण यात्रा गाइड

उत्तराखंड स्थित चार धाम—यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ—हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माने जाते हैं। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति हेतु इन तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं। यदि आप 2025 में चार धाम यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन तिथियों, प्रक्रिया, और स्थानीय आकर्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

चार धाम यात्रा 2025 की शुरुआत और कपाट खुलने की तिथियाँ

साल 2025 में चार धाम यात्रा 30 अप्रैल से आरंभ होगी। इसी दिन गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इसके पश्चात, 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के दरवाजे भक्तों के दर्शन हेतु खुलेंगे।

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रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: ऑनलाइन और ऑफलाइन

चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 2 मार्च, 2025 से शुरू होगा। श्रद्धालु ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण कर सकते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाएं। यहाँ आपको आवश्यक विवरण भरकर पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।

Char Dham Offline Registration

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए, राज्य के विभिन्न पंजीकरण केंद्रों पर जाकर पंजीकरण कराया जा सकता है। इस बार 60% ऑनलाइन बुकिंग और 40% ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है।

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चार धाम यात्रा: इतिहास, यात्रा मार्ग, Opening and Closing Date 2025
स्थानीय आकर्षण: केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री

केदारनाथ

केदारनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित है और यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ के मुख्य आकर्षणों में केदारनाथ मंदिर, वासुकी ताल, और गौरीकुंड शामिल हैं। गौरीकुंड में गर्म पानी के कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है।

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CHAR DHAM OPENING DATE 2025
CHAR DHAM OPENING DATE 2025

बद्रीनाथ

बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है और यह चार धाम यात्रा का अंतिम पड़ाव है। यहाँ बद्रीनाथ मंदिर, तप्त कुंड (गर्म पानी का कुंड), और नीलकंठ पर्वत प्रमुख आकर्षण हैं। तप्त कुंड में स्नान करने से श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

गंगोत्री

गंगोत्री धाम गंगा नदी के उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ गंगोत्री मंदिर मुख्य आकर्षण है, जो देवी गंगा को समर्पित है। मंदिर के निकट भागीरथी नदी बहती है, जहाँ श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं।

यमुनोत्री

यमुनोत्री धाम यमुना नदी के उद्गम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ यमुनोत्री मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। मंदिर के पास स्थित जानकी चट्टी के गर्म जल स्रोत भी श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय हैं।

यात्रा की तैयारी और सुझाव
  • स्वास्थ्य जांच: यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं, क्योंकि ऊँचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा करना शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • आवश्यक दस्तावेज़: रजिस्ट्रेशन की प्रति, पहचान पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ साथ रखें।
  • मौसम के अनुसार तैयारी: हिमालयी क्षेत्रों में मौसम तेजी से बदलता है, इसलिए गर्म कपड़े, रेनकोट, और उचित जूते साथ रखें।
  • स्थानीय नियमों का पालन: स्थानीय प्रशासन और मंदिर समितियों द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

चार धाम यात्रा आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग है। सही जानकारी और तैयारी के साथ, यह यात्रा आपके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन सकती है।

अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो को भी देख सकते हैं

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